पटना गाँव की संस्कृति
By Priya
नमस्ते दोस्तों मेरा नाम प्रिया है | मै आपको अपने गाँव के बारे में बताने जा रही हूँ |
मेरे गाँव का नाम पटना है, यह मध्य प्रदेश का एक छोटा सा गाँव है| यह बहुत छोटे से क्षेत्र में बसा है| यहाँ पर घरों की संख्या १००-१५० ही होगी| यह बहुत काम आबादी वाला गाँव है|
परन्तु यहाँ का जीवन काम सुविधाओं के बाकी बाद भी अत्यंत सुखमयी और खुशनुमां है| यहाँ लोग आपस में मिल जुल कर रहते है तथा अपना जीवन यापन करते हैं | मेरे गाँव घर ईटों का बना हुआ है और छप्पर से ढंका हुआ है| यह घर गर्मी में हमें लू से बचाते है और ठंडक पहुंचते है| हम अपनी गर्मियों की छुट्टियां अपने गाँव में मानाने जाते है|
शहर की भीड़भाड़ जिंदगी से कुछ पल निकल कर हम अपना गांव में व्यतीत करते हैं| हमारे गाँव में बहुत से खेत है तथा २ बगीचे है जिनमे आम, सगमन, आमला, अमरुद, और सब्जियों की खेती की जाती है तथा गेहूं और चावल की खेती की जाती है| गर्मियों में आम और आम पन्ना का अपना ही एक महत्व है| गाओ आके अपना समय बागीचे में बिताना आम के पेड़ों में चढ़ना, आम तोड़ कर खाना, खाट में सोना, गाँव की संस्कृति के विषय में जानना एक अलग ही अनुभव प्रदान करता है|
वहां पर किसान खेत में अनाज उगाते है | और पेड़ों की छाया में आराम करते है|
मैं तो अपने गाँव के बारे में जितना लिखूं कम है|
धन्यवाद्,
प्रिया.
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